लखीमपुर खीरी : उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा को एसआईटी (SIT) ने सोची-समझी साजिश बताया है। विशेष जांच दल के जांच अधिकारी ने आरोपियों के खिलाफ धाराएं बढ़ाने के लिए अदालत में अर्जी दी है। अदालत ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू समेत 14 आरोपियों को तलब किया है। माना जा रहा है कि अदालत एसआईटी को इस मामले में धाराएं बढ़ाने की अनुमति दे सकती है। इसके बाद आशीष मिश्रा सहित बाकी आरोपियों पर हत्या और आपराधिक षड्यंत्र का मुकदमा चलेगा।
तिकुनिया में 3 अक्टूबर को हुए बवाल में चार किसानों समेत 5 लोगों की मौत हुई थी। इस मामले में केंद्रीय के गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष समेत 13 आरोपी जेल में बन्द हैं। आशीष की जमानत पर हाइकोर्ट में सुनवाई चल रही है। एसआईटी ने हाईकोर्ट में अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा था। इस बीच विवेचना के दौरान धाराओं में बदलाव कर दिया गया है। एसआईटी ने हादसे की धाराएं हटा दी हैं। इसकी जगह पर हत्या के प्रयास, अंग भंग, एक राय होकर क्राइम करना व असलहों के दुरुपयोग की धारा बढाई गयी है।
अजय मिश्रा को जैसे ही बेटे आशीष मिश्रा पर धाराएं बढ़ाए जाने की खबर लगी, वे दोपहर 12 बजे जेल पहुंच गए और ढांढस बंधाया। इस दौरान वे मीडिया के सवालों से बचते नजर आए। आशीष मिश्रा समेत हिंसा के सभी 14 आरोपियों को आज मंदलवार को सीजीएम अदालत में पेश होना था, लेकिन दोपहर तक कोई भी नहीं पहुंचा।
आशीष मिश्रा मोनू समेत 14 आरोपियों के विरुद्ध पहले धारा 279, 338, 304 ए के तहत मामला दर्ज किया गया था। जांच के बाद एसआईटी ने इसे सोची-समझी साजिश बताया। अब विशेष जांच दल ने धारा 307, 326,302,34,120B,147,148,149,3/25/30 के तहत मुकदमा चलाने के लिए अदालत में अर्जी दी है।
सुप्रीम कोर्ट में हो चुकी है तीन बार सुनवाई
लखीमपुर हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी संज्ञान लिया था। इसी साल अक्टूबर से लेकर अब तक तीन बार सुनवाई भी हो चुकी थी। सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी को धीमी जांच के लिए फटकारा था। अब सुप्रीम कोर्ट में एसआईटी को जांच प्रगति की रिपोर्ट दाखिल करनी है।
लखीमपुर में 3 अक्टूबर को भड़की थी हिंसा
लखीमपुर में 3 अक्टूबर (रविवार) को किसानों ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा का विरोध करते हुए काले झंडे दिखाए थे। इसी दौरान एक गाड़ी ने किसानों को कुचल दिया था। इसमें चार किसानों की मौत हो गई थी। इसके बाद हिंसा भड़क गई थी। इस दौरान एक पत्रकार समेत 4 अन्य की भी मौत हुई थी। इस मामले में आशीष मिश्रा समेत 14 लोगों के खिलाफ हत्या और आपराधिक साजिश का केस दर्ज किया गया था।