नई दिल्ली। भारत और उसके पुराने व विश्वसनीय मित्र रूस के बीच बुधवार को सड़क और परिवहन मार्ग के साथ ही सैन्य हथियार, उर्जा और रक्षा क्षेत्र में कई अहम समझौते हुए। रूस ने कहा कि वह भारत को सबसे आधुनिक हथियार दे रहा है और भविष्य में भी देता रहेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों रूस के दौरे पर हैं। वहां उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर मंत्रणा की। इस्टर्न इकोनोमिक फोरम की बैठक से पहले दोनों देशों के बीच कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। ।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “भारत और रूस आंतरिक मामलों में किसी तीसरे के दखल के खिलाफ हैं। दोनों देशों की दोस्ती का सफर तेजी से बढ़ा है। रूस के हथियारों के उपकरण भारत में बनेंगे। रूस के साथ दर्जनों व्यापार समझौते हुए हैं। हम अपने रिश्तों को विभिन्न क्षेत्रों की तरफ ले जा रहे हैं।”
रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने कहा, “दोनों देश के नेता लगातार एक-दूसरे के संपर्क में रहते हैं। दोनों देश के बीच समुद्री मार्ग विकास पर भी समझौता हुआ है। कुडनकुलम परमाणु प्लांट की तीसरी यूनिट जल्द शुरू होगी। इसकी घोषणा की गई है। …भारत के साथ आर्थिक और सामरिक संबंध और मजबूत करने हैं।”
मोदी ने 20वें भारत-रूस वार्षिक सम्मेलन में बगैर नाम लिये पाकिस्तान पर निशाना साधा। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि रूस और भारत किसी भी देश के आंतरिक मामले में बाहरी दखल के खिलाफ हैं। मालूम हो कि रूस जम्मू-कश्मीर से धारा 370 खत्म करने को पहले भी भारत का आतंरिक मामला बता चुका है।
व्लादिवोस्तोक आना सम्मान की बात
मोदी ने संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान कहा, मेरे लिए पहले भारतीय प्रधानमंत्री के तौर पर व्लादिवोस्तोक आना सम्मान की बात है। मैं अपने मित्र राष्ट्रपति पुतिन को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मुझे यहां आमंत्रित किया। मुझे याद है कि 2001 का वार्षिक शिखर सम्मेलन रूस में आयोजित हुआ था, जब वह राष्ट्रपति थे और मैं गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अटल जी के प्रतिनिधिमंडल में आया था। भारत-रूस की मित्रता उनके संबंधित राजधानी शहरों तक ही सीमित नहीं है। हमने लोगों को इस रिश्ते के मूल को बनाए रखा है।