नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में पिछले दिनों हुई हिंसा की जांच कर रहे दिल्ली पुलिस के विशेष जांच दल ने 37 लोगों की पहचान की है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक 60 लोगों के एक वॉट्सऐप ग्रुप “यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट” से इन लोगों की पहचान की गई है। इस वॉट्सऐप ग्रुप में शामिल इन लोगों का भी हिंसा में हाथ माना जा रहा है।
इससे पहले शुक्रवार को दिल्ली पुलिस ने जेएनयू में हुई हिंसा के मामले में 10 लोगों के नाम बताए थे जिनमें छात्रसंघ अध्यक्ष आइसी घोष भी शामिल हैं। डीसीपी क्राइम जॉय तिर्की ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा था कि नौ संदिग्धों में से चार जेएनयू के हैं।
आइशी घोष ने दिल्ली पुलिस के इस दावे पर विरोध जताते हुए उस पर पूर्वाग्रह से काम करने का आरोप लगाया है। यही नहीं उन्होंने कहा कि हमारे पास सबूत हैं कि कैसे हम पर अटैक किया गया। 5 जनवरी को जेएनयू में हुई हिंसा में आइशी घोष भी घायल हो गई थीं। आइशी के अलावा विपक्षी दल कांग्रेस ने भी दिल्ली पुलिस की जांच पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने कहा कि शुरुआती जांच अधूरी लगती है और ऐसा लगता है कि इसमें किसी का दखल था।