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वाशिंगटन। आतंकी गुट इस्लामिक स्टेट (आइएस) भारत पर हमले की तैयारी कर रहा है। इसके लिए वह संसाधन और आतंकी इकट्ठा कर रहा है। वह ऐसा हमला करना चाहता है जिससे अमेरिका भड़क उठे। असल में आतंकी गुट की मंशा विश्वयुद्ध की तरह आर-पार की लड़ाई छेड़ने की है। इसके लिए वह आतंक की एकजुट फौज तैयार करने की कोशिश भी कर रहा है।

BAMC @ 38000इस मकसद से वह अफगानिस्तान और पाकिस्तान के तालिबान को एक साथ लाने की कवायद में जुटा है। अल-कायदा से भी इस लड़ाई में शामिल होने की अपील की गई है। अफगानिस्तान में आइएस की मौजूदगी से पूरी तरह वाकिफ व्हाइट हाउस ने कहा है कि वह मामले पर करीब से नजर रखे हुए है। ऐसे हुआ खुलासा यूएसए टुडे में मंगलवार को प्रकाशित रिपोर्ट से आइएस की मंशा का खुलासा हुआ है। यह रिपोर्ट 32 पन्नों के एक भर्ती दस्तावेज पर आधारित है। यह दस्तावेज पाकिस्तानी तालिबान से संबंध रखने वाले एक पाक नागरिक से बरामद किया गया था।

उर्दू के इस दस्तावेज का शीर्षक ‘इस्लामिक स्टेट खलीफा का संक्षिप्त इतिहास, खलीफा पैगंबर के मुताबिक’ है। अंग्रेजी में इसका अनुवाद हार्वर्ड के एक विद्वान ने किया है। कई वर्तमान और सेवानिवृत्त खुफिया अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है।

आतंकी गुट की मंशा –

दस्तावेज में कहा गया है कि भारत में हमले की तैयारियां चल रही है। यह हमला अमेरिका को ऐतिहासिक टकराव के लिए उकसाएगा।

– इसके बाद अमेरिका अपने तमाम सहयोगियों के साथ हमला करने की कोशिश करेगा तो अंतिम लड़ाई के लिए उम्मा (मुसलमान) एकजुट होंगे।

-पूरी दुनिया के मुसलमानों को एक धार्मिक साम्राज्य खलीफा के नीचे इकट्ठा करना और आइएस नेता को उनके एकमात्र शासक के रूप में मान्यता दिलाना।

-आतंकियों को अमेरिका के साथ सीधे टकराव में संसाधन बर्बाद करने की जगह अरब में खलीफा की स्थापना के लिए सशस्त्र विद्रोह पर ध्यान केंद्रित करने को कहा गया है। भारत पर हमले से आइएस का कद बढ़ जाएगा। इससे क्षेत्र में स्थिरता का संकट पैदा होगा।

भारत पर हमला दक्षिण एशियाई आतंकियों के लिए होली ग्रेल (अंतिम भोज में ईसा मसीह द्वारा इस्तेमाल किया गया प्याला) के समान है।

                                                                                                                                                        -ब्रूस रिडेल, पूर्व सीआइए अधिकारी

100 देशों से हैं आइएस लड़ाके रूसी संघीय-

सुरक्षा सेवा के प्रमुख एलेक्जेंडर बोरतिनिकोव ने कहा है कि आइएस से सौ से ज्यादा देशों के लोग जुड़े हैं। उन्होंने वैश्विक स्थिरता के लिए इसे दीर्घकालिक खतरा बताया है। उन्होंने कहा कि स्लीपर सेल का वैश्विक नेटवर्क खड़ा करने के लिए आइएस युवाओं पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर रहा है। रूस के यारोस्लेव में बुधवार को साठ से ज्यादा देशों की सुरक्षा एजेंसियों के दो दिवसीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही।

एजेन्सी

By vandna

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