मुख्यमंत्री आदित्यनाथ की अध्यक्षता में उनके सरकारी आवास पर शुक्रवार को हुई कोर टीम (टीम-11) की बैठक में मजदूरों को वापस लाने की योजना को अंतिम रूप दिया गया।

लखनऊ। योगी आदित्यनाथ सरकार कोरोना वायरस संक्रमण की चेन ब्रेक करने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन की वजह से दूसरे राज्यों में फंसे उत्तर प्रदेश के मजदूरों को वापस लाएगी। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ की अध्यक्षता में उनके सरकारी आवास पर शुक्रवार को हुई कोर टीम (टीम-11) की बैठक में मजदूरों को वापस लाने की योजना को अंतिम रूप दिया गया।

योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया कि देश के हर राज्य में फंसे उत्तर प्रदेश के लोगों को शीघ्र वापस लाने का इंतजाम किया जाए। दूसरे राज्यों में फंसे अन्य सभी लोगों को भी वापस लाया जाएगा। वहां पर 14 दिन क्वारेंटाइन करने वाले सभी लोगों के साथ ही मजदूरों को वापस अपने राज्य में लाया जाएगा। इन सभी को प्रदेश में लाने के बाद शेल्टर होम में रखा जाएगा। इन सभी को आर्थिक मदद भी दी जाएगी। प्रदेश सरकार राशन किट और एक-एक हजार रुपये देगी।

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने प्रदेश में रोजगार सृजन संबंधी प्रस्तुतिकरण देखा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि मुख्यमंत्री शिक्षुता (अप्रेंटिसशिप) प्रोत्साहन योजना का लाभ एक वर्ष में एक लाख युवाओं दिलाना है। इस योजना के तहत दो लाख युवाओं को जोडऩे की कार्ययोजना बनाएं। आर्थिक स्वावलंबन के लिए युवाओं को युवा हब के माध्यम से भी रोजगार दिलाने के निर्देश दिए।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एमएसएमई और एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) के तहत रोजगार सृजन की व्यापक संभावनाएं हैं। इनके माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है। प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों के लिए स्कूल यूनिफार्म और स्वेटर बनाने का प्रशिक्षण देकर सिलाई और स्वेटर मशीनें महिला स्वयंसेवी समूहों उपलब्ध कराकर रोजगार दिया जाए। इसी प्रकार खाद्य और फल प्रसंस्करण भी माध्यम हो सकता है। व्यापक स्तर पर मास्क बनाने का काम शुरू कर सकते हैं। योगी ने कहा कि खादी के क्षेत्र में सोलर चरखों और सोलर लूम स्थापित कर प्रशिक्षण दिया जाए। उत्कृष्ट कंबलों के निर्माण और नए स्वरोजगार को प्राथमिकता दें।

मुख्यमंत्री ने ग्राम स्तर पर कॉमन सर्विस सेंटर को मजबूत बनाते हुए इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कहा। व्यापक पैमाने पर दुग्ध समितियों का गठन कर डेरी उद्योग को मजबूत कर सकते हैं। बैठक में ग्राम्य विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह (मोती सिंह), सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव एमएसएमई नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज मनोज कुमार सिंह एवं प्रमुख सचिव समाज कल्याण मनोज सिंह उपस्थित थे।

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