नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने देश की सभी आर्मी कैंटीन में विदेश से आयात किया गया सभी तरह का सामान बेचने पर प्रतिबंध (Ban) लगा दिया है। यह फैसला आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत स्थानीय वस्तुओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है। इस फैसले से पहले इस बारे में तीनों सेनाओं से सलाह ली गई थी। आर्मी कैंटीन देश की सबसे बड़ी रिटेल चेन्स में से एक है जिनमें हर साल करीब 200 करोड़ रुपये की बिक्री होती है।

देश में करीब 4 हजार आर्मी कैंटीन हैं। इनमें डिस्काउंट रेट्स पर सामान मिलता है। इसका फायदा वर्तमान और पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को मिलता है। आमतौर पर विदेशी शराब और इलेक्ट्रॉनिक सामान की मांग ज्यादा रहती है।

रक्षा मंत्रालय ने विदेशी वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगाने का यह आदेश बीते 19 अक्टूबर को जारी किया है। इस आदेश के मुताबिक, इस बारे में सेना, वायुसेना और नौसेना से मई और जुलाई के बीच बातचीत की गई थी। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घरेलू उत्पादों को बढ़ावा देने की पहल के तहत लिया गया फैसला है। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस पर कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया।

इस आदेश में उन उत्पादो की जानकारी नहीं दी गई है, जिनके आयात पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि इसमें विदेशी शराब शामिल है। गौरतलब है कि इन कैंटीनों में बिकने वाले सामानों में करीब 7%  उत्पाद आयातित होते हैं। इनमें चीन से आयात किए जाने वाले सामान जैसे डाइपर्स, वैक्यूम क्लीनर, हैंडबैग और लैपटॉप शामिल हैं। विदेशी शराब सप्लाई करने वाली दो कंपनियों को जून से ही ऑर्डर मिलने कम हो गए थे।

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