नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद में वर्ष 2021-22 का आम बजट पेश किया। इसमें भारतीय रेलवे को 1,10,055 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। बताया गया कि इसमें 1,07,100 करोड़ रु पूंजीगत खर्च के लिए हैं। सीतारमण ने कहा कि रेलवे के लिए रेल योजना 2030 तैयार है। यह योजना 2030 तक रेलवे प्रणाली में बेहतरी के लिए है। जैसे मेक इन इंडिया को सक्षम करने के लिए उद्योग के लिए लॉजिस्टिक लागत में कमी लाना। वेस्टर्न और ईस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर जून, 2022 तक तैयार हो जाएगा।

वित्त मंत्री ने बताया कि रेलवे डेडिकेटेड फ्रंट कॉरिडोर, NHAI के टोल रोड, एयरपोर्ट जैसे संसाधनों को असेट मोनेटाइजेशन मेनेजमेंट के दायरे में लाया जाएगा।

पिछले बजट यानी 2020 में 1 फरवरी को जारी रेल बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में रेलवे के लिए कई बड़े ऐलान किए। बताया गया था कि देश में इंफ्रास्ट्रकचर को बढ़ावा देने के लिए सरकार बड़ा निवेश करेगी। तेजस जैसी ट्रेन पीपीपी मॉडल पर चलाया जाएगा। मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड ट्रेन का काम आगे बढ़ाया जाएगा। साथ ही बताया गया था कि भारतीय रेल जल्दी खराब होने वाले सामान की ढुलाई के लिए लोक-निजी भागीदारी में ‘किसान रेल’ चलाएगी।

550 स्टेशनों पर वाईफाई शुरू करने का ऐलान हुआ था। रेलवे ट्रैक के साथ सोलर पॉवर प्लांट लगाए जाने की बात कही गई थी। बताया गया था कि 24000 किमी ट्रेन को इलेक्ट्रॉनिक बनाया जाएगा। तेजस ट्रेन की संख्या को बढ़ाया जाएगा, जो कि टूरिस्ट डेस्टिनेशन तक जाएगी। मुंबई-अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन के काम में तेजी लाई जाएगी।

गौरतलब है कि 2017 से पहले आम बजट और रेलवे बजट अलग-अलग पेश किया जाता था, लेकिन अरुण जेटली पहले ऐसे वित्त मंत्री रहे, जिन्होंने आम बजट और रेलवे बजट को संयुक्त रूप से पेश किया। उन्होंने एक फरवरी 2017 को ऐसा किया था। साथ ही दोनों को अलग-अलग पेश ना करते हुए एक ही बजट के समान पेश करने से 92 साल की परंपरा खत्म हुई थी। 

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