लखनऊ। देश की पहली कॉरपोरेट ट्रेन तेजस एक्सप्रेस बीते शनिवार को लेट हो गई। यह लग्जरी ट्रेन शनिवार-रविवार के दरमियान तीन फेरों में एक से ढाई घंटे लेट चली। इसके चलते आईआरसीटीसी (IRCTC) को पहली बार दो हजार से ज्यादा यात्रियों को करीब 4 लाख 50 हजार रुपये हर्जाना देना होगा। शनिवार को भारी बारिश के बाद नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर सिग्नल फेल होने की वजह से तेजस करीब ढाई घंटे देरी से पहुंची। वापसी में भी यह ट्रेन लखनऊ के लिए इतनी ही देर से छूटी। रविवार को भी लखनऊ-दिल्ली तेजस करीब एक घंटा लेट पहुंची।
आईआरसीटीसी के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक अजीत सिन्हा के मुताबिक, यह पहला मौका है जब 1574 यात्रियों के क्लेम पर तीन लाख 93 हजार 500 रुपये लौटाए जाएंगे। रविवार को लखनऊ से नई दिल्ली एक घंटे से ज्यादा समय लेट होने पर 561 यात्रियों को 100-100 रुपए मिलेंगे। इस तरह कुल 2135 यात्रियों को 4 लाख 49 हजार 600 रुपये हर्जाना मिलेगा।
लेट होने पर हर्जाना का है प्रावधान
तेजस एक्सप्रेस देश की पहली ऐसी ट्रेन है, जिसके लेट होने पर यात्रियों को हर्जाना देने का प्रावधान है। नियम के मुताबिक ट्रेन के 1 घंटा लेट होने पर 100 रुपये और दो घंटे या अधिक लेट पर 250 रुपये हर्जाना दिए जाने का प्रावधान है। आईआरसीटीसी को शनिवार को तेजस के 2 फेरों के 1574 यात्रियों को प्रति व्यक्ति 250 रुपये के हिसाब से कुल तीन लाख 93 हजार 500 रुपये देने होंगे, जबकि रविवार को पहले फेरे के 561 यात्रियों को एक घंटे की देरी के लिए 100-100 रुपये के तौर पर 56100 रुपये हर्जाना भरना होगा।
आधुनिक सुविधाओं से लैस तेजस एक्सप्रेस को पहली बार 4 अगस्त 2019 में चलाया गया था। पिछले दो साल में इस ट्रेन को लेकर पांच बार शिकायत मिली, जब ट्रेन एक घंटे से कम लेट हुई। दो साल में यह पहला मौका है जब ट्रेन एक घंटे से ज्यादा विलंब से पहुंची।