नयी दिल्लीः (Tata’s Air India) टाटा ग्रुप को एअर इंडिया के हैंडओवर की प्रक्रिया गुरुवार (27 जनवरी, 2022) को आधिकारिक तौर पर पूरी हो गई। केंद्र सरकार ने एअर इंडिया को टाटा ग्रुप को सौंप दिया है। एअर इंडिया की कमान टाटा ग्रुप के हाथों में जाते ही इसकी फ्लाइट्स के ऑपरेशन में बदलाव दिखना शुरू हो गया है। हालांकि अभी तुरंत एअर इंडिया की फ्लाइट टाटा के बैनर तले नहीं उड़ेगी। ऐसा आने वाले कुछ दिनों में होने की संभावना है।
कर्ज में डूबी सरकारी एअरलाइन कंपनी एअर इंडिया के लिए बिड अक्टूबर 2021 में टाटा सन्स की इकाई ने जीती। Talace Pvt Ltd 18000 करोड़ रुपये के साथ एअर इंडिया के लिए विनिंग बिडर रही। एअर इंडिया के लिए टाटा ग्रुप (Tata Group) और स्पाइसजेट (SpiceJet) के अजय सिंह ने बोली लगाई थी।
गुरुवार को टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इसके बाद चंद्रशेखरन ने एअर इंडिया के अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने और एयरलाइन के वापस टाटा ग्रुप के पास आने पर खुशी जताई। इसके साथ ही करीब 69 साल बाद एअर इंडिया की कमान फिर से टाटा के हाथों में आ गई है। सरकार ने अक्टूबर 2021 में एअर इंडिया की 100% हिस्सेदारी टाटा को बेच दी थी।
टाटा ग्रुप ने शुरू किए बदलाव
एअर इंडिया को टेकओवर करते ही पहले ही दिन (27 जनवरी) टाटा ने इसके ऑपरेशन में बदलाव शुरू कर दिया। इसके तहत टाटा ने मुंबई से चार शहरों की एअर इंडिया की उड़ानों में ”इनहैंस्ड मील सर्विस” या उन्नत भोजन सेवा शुरू की है। टाटा ने कहा है कि “इनहैंस्ड मील सर्विस” गुरुवार को एअर इंडिया की चार फ्लाइट्स – AI864 (मुंबई-दिल्ली), AI687 (मुंबई-दिल्ली), AI945 (मुंबई-अबू धाबी) और AI639 (मुंबई-बेंगलुरु) में शुरू की गई है। यह सेवा शुक्रवार को AI191 (मुंबई-न्यूयॉर्क) फ्लाइट और पांच मुंबई-दिल्ली फ्लाइट्स में भी उपलब्ध कराई जाएगी। टाटा इस सेवा को चरणबद्ध तरीके से और अधिक फ्लाइट्स में भी उपलब्ध कराएगी।
एअर इंडिया को कर्ज मुक्त कंपनी बनाने की चुनौती
एअर इंडिया पिछले एक दशक के दौरान भारी नुकसान में रही है। इस पर 31 मार्च 2020 तक 70 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज था। एअर इंडिया को 2020-21 फाइनेंशियल ईयर में 7 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का घाटा हुआ है।
टाटा ने एअर इंडिया को 18 हजार करोड़ रुपये में खरीदा है। साथ ही उसे एअर इंडिया का 23 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज भी चुकाना है। टाटा के सामने सबसे बड़ी चुनौती एअर इंडिया को घाटे से उबारकर मुनामा कमाने वाली कंपनी बनाना है।
पिछले एक दशक के दौरान एअर इंडिया ने नए इंडियन एविएशन मार्केट में अपना हिस्सा तेजी से गंवाया है। एअर इंडिया अभी इंडियन एविएशन मार्केट में 11% की हिस्सेदारी के साथ तीसरे नंबर पर है। पहले नंबर पर इंडिगो (48% हिस्सेदारी) और दूसरे नंबर पर स्पाइसजेट (16% हिस्सेदारी) है। टाटा के सामने सबसे बड़ी चुनौती इन प्राइवेट कंपनियों की प्रतिस्पर्धा से निपटकर एअर इंडिया को टॉप पर पहुंचाने की होगी।