नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना ने अपनी ताकत दिखाते हुए हवा में ही ईंधन भरने का प्रदर्शन किया। इस दौरान एक लड़ाकू विमान हवा में उड़ान भर रहा है, जबकि एक अन्य विमान के माध्यम से उसमें ईंधन डाला जा रहा है।

यह वायु सेना के लिए एक शानदार उपलब्धि है क्योंकि इससे विमान को ज्यादा समय तक हवा में उड़ाया जा सकेगा और आपातकाल के दौरान उसमें हवा में ही फ्यूल भरने की प्रक्रिया पूरी हो सकेगी। इससे पहले तक विमान में ईंधन भरने के लिए उसे जमीन पर उतरना पड़ता था।

 भारतीय-रूसी कंपनियों ने किए करार

वहीं दूसरी ओर भारतीय और रूसी कंपनियों ने चेन्नई में चल रही रक्षा प्रदर्शनी के दौरान बीते 13 अप्रैल को सात करार पर हस्ताक्षर किये। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस प्रदर्शनी का औपचारिक उद्घाटन किया था। एक बयान में बताया गया कि एलएंडटी ने भारतीय नौसेना के लिए समु्द्र के अंदर काम करने वाले यंत्र बनाने के लिए रूस की रोसोबोरोनएक्सपोर्ट के साथ करार किया।

इसके अलावा अनंत टेक्नोलॉजीज ने रक्षा प्रणालियां विकसित करने, कल-पुर्जे बनाने और इनके रख-रखाव संबंधी सेवाएं मुहैया कराने के लिए जेएससी कंसर्न रेडियो-इलेक्ट्रॉनिक टेक्नोलॉजीज के साथ करार किया।

अनंत टेक्नोलॉजीज ने भारतीय सेना के टी 90 एस एवं टी 72 टैंकों के लिए प्रौद्योगिकी एवं ढुलाई समाधान के लिए रिसर्च एंड प्रॉडक्शन कॉर्पोरेशन यूरालवैगनजावोद के साथ भी करार किया।

स्पेस एरा और कंसर्न रेडियो – इलेक्ट्रॉनिक टेक्नोलॉजीज ने एसयू-30 एमकेआई तथा एमआई 8, एमआई 17 और एमआई 35 हेलीकॉप्टरों की अधिकतम परिचालन दक्षता की उपलब्धता के लिए करार किया।

रूसी कंपनी ओस्क्रोसोमरीन और जेएससी एजीएटी ने नौसेना के लिए फ्रेगट रडार बनाने का करार किया।नौसैनिक जहाजों पर लगाये जाने वाले उपकरणों के उत्पादन तथा लगाने को लेकर कार्सने डिफेंस टेक्नोलॉजीज और एवियाटेक एंटरप्राइजेज ने जेएससी कंसर्न एजीएटी के साथ अलग-अलग करार किये।

इससे पहले बीते 12 अप्रैल को देश में ही एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट लड़ाकू विमान के विनिर्माण के लिए बोइंग इंडिया ने सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और निजी क्षेत्र की महिंद्रा डिफेंस सिस्टम्स (एमडीएस) के साथ साझेदारी की घोषणा की है।कंपनी की नजर भारतीय वायुसेना के 110 लड़ाकू विमानों के ऑर्डर पर है।

बोइंग ने कहा कि इस साझेदारी से भारत में भविष्य की प्रौद्योगिकी के संयुक्त विकास में भी मदद मिलेगी जो भारत के हवाई क्षेत्र और रक्षा क्षेत्र परिवेश को बदल देगी।

कंपनी ने एक बयान में कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ सुपर हॉर्नेट के लिए एक नया अत्याधुनिक उत्पादन संयंत्र स्थापित किए जाने का प्रस्ताव है। इसका उपयोग भारत के अत्याधुनिक मध्यम लड़ाकू विमान कार्यक्रम में किया जा सकेगा।

बोइंग इंडिया के अध्यक्ष प्रत्यूष कुमार ने कहा, ‘‘बोइंग, भारत की एकमात्र लड़ाकू विमान विनिर्माता कंपनी एचएएल और छोटे वाणिज्यिक विमान बनाने वाली इकलौती कंपनी एमडीएस के साथ साझेदारी को लेकर उत्साहित है। ’’

साभार एजेंसी

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