नई दिल्ली। भ्रष्टाचार के मामले में दोषी पाए गए पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम की देश वापसी से पहले पाकिस्तान दो धमाकों से दहल उठा। पहला धमाका खैबर पख्तूनख्वा के पूर्व मुख्यमंत्री अकरम खान दुर्रानी के काफिले पर हुआ जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई, 37 लोग घायल हुए। दूसरा धमाका बलूचिस्तान के मासतुंग में हुआ इस हमले में करीब 128 लोगों की जान गई और 200 लोग घायल हो गए। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ने ली। ये धमाका कितना दिल दहला देने वाला था इसके बारे में एक छात्र ने बताया है जिसके जिम्मे सुरक्षा की जिम्मेदारी थी, वह सुरक्षाकर्मियों के साथ स्टेज के पीछे खड़ा था।
छात्र का नाम रुस्तम रायसानी है, रुस्तम ने इस हमले को बेहद करीब से देखा। छात्र ने बताया कि जिस वक्त धमाका हुआ उस वक्त वहां कुछ नजर नहीं आ रहा था। धमाके के बाद धूल से अंधेरा छा गया था, केवल खून की बदबू आ रही थी और लोगों का जला हुआ मांस बिखरा हुआ था। लोग इधर-उधर भाग रहे थे, बस किसी भी तरह वो वहां से निकलने की कोशिश कर रहे थे। चारों तरफ लाशें बिछी हुई थीं और लोग उन्हें कुचलकर भाग कर रहे थे मैंने कुछ घायलों को उठाया और उन्हें अस्पताल भेजा। मुझे ऐसा करते देख और लोग भी मेरी मदद करने आ गए।
घायलों से भर गया पूरा अस्पताल
एक अंग्रेजी वेबसाइट से बात करते हुए रुस्तम ने धमाके के बाद सिविल अस्पताल का हाल भी बताया। उन्होंने बताया, घायलों को जब सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया तो पूरा अस्पताल उनसे भर गया, घायलों के परिवार वाले जमीन पर सो रहे थे। अस्पताल में ठीक से चलने लायक भी जगह नहीं बची थी। विश्लेषकों का कहना है कि 25 जुलाई को पाकिस्तान में चुनाव होने वाले हैं इससे पहले देश में अभी हिंसा हो सकती है। बता दें कि बलूचिस्तान में शुक्रवार को हुए धमाके में अवामी पार्टी के नेता सिराज रायसानी की भी मौत हो गई थी।