नई दिल्ली। वोडाफोन-आइडिया लिमिटेड (Vodafone-Idea Limited) ने सोमवार को अपने ब्रांड की रीलॉन्चिंग की है। कंपनी ने Vi के रूप में अपने आप को रीब्रांड किया है। इस तरह कंपनी ने लोगों के बीच अपनी पूरी तरह से एक नई पहचान बनाने की कोशिश की है। अगस्त 2018 में वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर के विलय से बनी वोडाफोन-आइडिया लिमिटेड ने इस तरह एक नए ब्रांड की घोषणा की है। कंपनी इस समय एक कठिन दौर से गुजर रही है, जहां पेरेंट कंपनी वोडाफोन ग्रुप भी किसी तरह का अतिरिक्त फंड देने को तैयार नहीं है।

अधिकारियों ने कहा है कि इस नए ब्रांड को लाने के पीछे उद्देश्य कॉल्स की बेहतर गुणवत्ता और इसके जुड़ी सेवाओं की उत्कृष्टता सुनिश्चित करना है। इस ब्रांड के जरिए कंपनी ब्रांड के तहत उच्च गुणवत्ता के वादे पर ग्राहकों के एक नए वर्ग को आकर्षित करने का प्रयास कर रही है। साथ ही कंपनी इस ब्रांड को लाकर अपने घट रहे यूजर बेस को रोकना चाहती है।

आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने इस मौके पर कहा कि वोडाफोन और आइडिया दोनों ने नेटवर्क अनुभव, ग्रामीण कनेक्टिविटी, ग्राहक सेवा, उद्यम गतिशीलता समाधान और कई अन्य नए मानक स्थापित किए हैं। उन्होंने आगे कहा कि 90 के दशक के मध्य से ही वोडाफोन और आइडिया दोनों ने विभिन्न अवतारों में सेक्टर के विकास को गति दी है। उन्होंने कहा “हम डिजिटल अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने की दिशा में काम कर रहे हैं और इसको गति प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

वोडाफोन-आइडिया लिमिटेड की रीलॉन्चिंग ks संकेत सुबह ही मिलने लगे थे। Vodafone-Idea की आधिकारिक वेबसाइट पर सुबह 11:15 बजे एक मैसेज में लिखा था, ‘”हमारे इंजीनियर हमारी कुछ सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। ऐसे में आपको कुछ समय के लिए थोड़ी दिक्कत पेश आ सकती है। हम जल्द ही लौटेंगे!” कंपनी की वेबसाइट पर इस मैसेज से लोगो में कंपनी की रिब्रांडिंग को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं।

गौरतलब है कि कंपनी के बोर्ड ने हाल ही में इक्विटी शेयर जारी करके या अमेरिकन डिपोजिटरी रिसीट, फॉरेन करेंसी बॉन्ड्स, ग्लोबड डिपोजिटरी रिसीटऔर कंवर्टिबल डिबेंचर्स के जरिए 25,000 करोड़ रुपये जुटाने के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी थी। इससे नकदी संकट में फंसी वोडाफोन-आइडिया लिमिटेड को काफी राहत मिलने की उम्मीद है।

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