लखनऊ : अयोध्या की गोसाईगंज विधानसभा सीट से भाजपा विधायक इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है। विधानसभा सचिवालय ने गुरुवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी। एमपी-एमएलए कोर्ट ने 18 अक्टूबर 2021 को फर्जी मार्कशीट केस में उन्हें दोषी करार देते हुए पांच साल की सजा सुनाई थी। 29 साल पहले साकेत महाविद्यालय में अंक पत्र और बैक पेपर में कूट रचित दस्तावेज के सहारे धोखाधड़ी करने के मामले में खब्बू तिवारी के साथ छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष व सपा नेता फूलचंद यादव तथा चाणक्य परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष कृपा निधान तिवारी को भी अदालत ने दोषी करार दिया था। अदालत ने इन पर 13-13 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था। तीनों दोषियों को जेल भेज दिया गया था।

सजा की घोषणा होते ही खब्बू तिवारी की विधानसभा सदस्यता खतरे में आ गई थी। नियम के अनुसार दो वर्ष से अधिक की सजा होने पर सजा की तारीख से ही सदस्यता समाप्त किए जाने का प्रावधान है। विधानसभा सचिवालय की जारी अधिसूचना के अनुसार उत्तर प्रदेश विधानसभा में इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी का स्थान 18 अक्टूबर  2021 से रिक्त हो गया है।

यह मामला अयोध्या के थाना राम जन्मभूमि का वर्ष 1992 का है। 14 फरवरी 1992 में साकेत स्नातकोत्तर महाविद्यालय में फर्जी अंक पत्रों के आधार पर प्रवेश प्राप्त करने का मामला प्रकाश में आया था। इनमें फूलचंद यादव बीएससी प्रथम वर्ष की परीक्षा 1986 में फेल होने और बैक पेपर परीक्षा के बाद बीएससी द्वितीय वर्ष में प्रवेश पाने के योग्य नहीं थे लेकिन विश्वविद्यालय की ओर से दिए गए बैक पेपर के रिजल्‍ट में हेरफेर कर धोखाधड़ी और षड्यंत्र के आधार पर पास होने की मार्कशीट प्राप्‍त कर ली।

इसी प्रकार इंद्र प्रताप तिवारी ने बीएससी द्वितीय वर्ष परीक्षा 1990 में अनुत्तीर्ण होने के बावजूद बीएससी तृतीय वर्ष और कृपा निधान तिवारी ने प्रथम वर्ष 1989 में एलएलबी प्रथम वर्ष में अनुत्तीर्ण होने के बावजूद छल-कपट कर एलएलबी द्वितीय वर्ष में प्रवेश प्राप्त कर लिया। साकेत महाविद्यालय के तत्कालीन प्राचार्य यदुवंश राम त्रिपाठी की तहरीर पर इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।

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