इंडियन को-ऑपरेटिव डिजिटल प्लेटफॉर्म (आईसीडीपी)बरेली। आईटी के इस दौर में दुनिया की सबसे बड़ी उर्वरक सहकारी संस्था, इफको भी डिजिटल हो गयी। इफको ने अपने डिजिटल मंच इंडियन को-ऑपरेटिव डिजिटल प्लेटफॉर्म (आईसीडीपी) के माध्यम से अपने उत्पाद घर-घर तक पहुंचाने की सेवा शुरु की है। इसका शुभारम्भ इफको के प्रबंध निदेशक उदय शंकर अवस्थी ने किया।

बताया कि किसानों को अब आवश्यक कृषिगत इनपुट की पूरी श्रृंखला मिलेगी, जैसे पानी में घुलनशील उर्वरक, कृषि-रसायन, जैव-उर्वरक, बीज, पौधों को विकसित करने वाले संरक्षक और अन्य कृषि आधारित उत्पाद। ये उत्पाद 5 किलोग्राम तक की पैकिंग में उपलब्ध होंगे और बगैर किसी अतिरिक्त मूल्य के किसानों तक पहुंचाए जाएंगे। पारंपरिक उर्वरकों, जैसे यूरिया, डीएपी, एनपीके, इत्यादि ऑनलाइन नहीं बेचे जाएंगे। इस उद्योग-जगत में अपनी तरह की पहली पहल आईसीडीपी ने की है। वह दूर-दराज के उन ग्रामीण क्षेत्रों तक वितरण सेवाएं उपलब्ध कराएगी, जहां ई-कॉमर्स के अग्रणी किरदार मौजूदा परिदृश्य में अपने सामान नहीं पहुंचा पाते हैं।

इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. यू. एस. अवस्थी ने कहा-कृषि-वाणिज्य को सरल बनाने के लिए अपने मजबूत ग्रामीण नेटवर्क के जरिये नई व निःशुल्क आपूर्ति की सेवा देने की घोषणा कर हम बहुत प्रसन्न हैं। किसान हमारे डिजिटल मंच से कृषिगत इनपुट को सिर्फ एक क्लिक के जरिये खरीद पाएंगे। इस दिशा में आईसीडीपी काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि हमने किसानों के बीच प्रशिक्षण और जागरूकता-निर्माण अभियान भी शुरू किया, जहां वे ऑनलाइन व डिजिटल भुगतान गेटवे के उपयोग के बारे में सीख सकते हैं। यहां उन्हें नकद रहित रहने के लाभ की शिक्षा भी मिलेगी। इससे आगे जाते हुए, हमारी योजना यह है कि इस मंच को एक सफल डिजिटल बाजार में बदल दें, जहां किसान और सहकारी समितियां, दोनों अपने उत्पाद ऑनलाइन खरीद-बेच सकें।

2020 दृष्टिकोण का हिस्सा है ICDP

उन्होंने बताया कि यह पोर्टल 13 प्रमुख भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है ताकि उत्पादों के उपयोग के बारे में जागरूकता पैदा की जा सके और डिजिटल मंचों और नकद रहित लेन-देन के बारे में किसान अवगत हो पाएं। इससे उत्पाद और सेवाओं तक पहुंचने में अपेक्षाकृत आसानी होगी। यह किसानों की आय दोगुना करने के इफको के 2020 दृष्टिकोण का हिस्सा है।

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