उत्तर प्रदेश की तरह इन दोनों राज्यों में भी बसपा को ज्यादा सीटें मिली हैं। सपा मध्य प्रदेश में तीन जबकि उत्तराखंड में मात्र एक सीट पर चुनाव लड़ेगी।

लखनऊ। सपा के संस्थापक और संरक्षक मुलायम सिंह यादव भले ही उत्तर प्रदेश में बसपा के साथ गठबंधन पर अप्रसन्नता जाहिर कर चुके हों पर उनके पुत्र अखिलेश यादव पर इससे कोई फर्क नहीं पड़ता दिख रहा है। यही कारण है कि यह गठबंधन अब दो और राज्यो तक पहुंच गया है। दोनों दल उत्तर प्रदेश के साथ ही मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में भी मिलकर चुनाव लड़ेंगे। मप्र में जहां सपा का खास जनधार नहीं हैं, वहीं उत्तराखंड में भी उसके पास खोने के लिए कुछ नहीं है। अविभाजित उत्तर प्रदेश में उसका कोई उम्मीदवार यहां से चुनाव नहीं जीत सका तो उत्तराखंड राज्य बनने के  बाद भी उसके उम्मीदवारों की जमानत जब्त होती रही है। दूसरी ओर बसपा इन दोनों ही राज्यों खासकर उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव में दमदार उपस्थिति दर्ज कराती रही है।    

गठबंधन के तय फार्मूले के तहत बसपा उत्तराखंड में चार लोकसभा सीटों- अल्मोड़ा-पिथौरागढ़, नैनीताल-ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार और टिहरी पर चुनाव लड़ेगी। पौड़ी सीट सपा के लिए छोड़ी गई है जहां उसे राज्य की अन्य सीटों की तुलना में ज्यादा वोट मिलते रहे हैं।  

मध्य प्रदेश में सपा तीन सीटों- टीकमगढ़, बालाघाट और खुजराहो में अपने प्रत्याशी उतारेगी। शेष सभी 26 सीटों पर बसपा के प्रत्यशी चुनाव लड़ेंगे। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सपा को एक जबकि बसपा को दो सीटों पर जीत हासिल हुई थीं, हालांकि यहां ये  दोनों दल अलग-अलग चुनाव लड़े थे। ऐसे में यह माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव की तरह ये लोकसभा चुनाव में भी कई सीटों पर कांग्रेस का खेल बिगाड़ सकते हैं।

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