नई दिल्ली। खाने की गुणवत्ता को लेकर सोशल मीडिया पर वीडियो डालने वाले सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान तेज बहादुर यादव की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की याचिका को इस आधार पर खारिज कर दिया गया है कि उनके आरोपों पर एक कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी लंबित है और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक आधार पर आरोप भी लगे हैं।
बीएसएफ के इस कदम को यादव का परिवार सही नहीं मान रहा जिनका आरोप है कि उन्हें धमकाया जा रहा है और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। यादव की वीआरएस अर्जी को खारिज करते हुए बीएसएफ ने कहा कि कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी (सीओआई) और इसकी सिफारिशों को अंतिम रूप दिये जाने के लंबित रहने के चलते अर्जी को निरस्त कर दिया गया है।
बल के अधिकारियों ने कहा कि सीओआई के तहत निर्दिष्ट प्रक्रिया के अनुसार किसी मामले में जांच दल सभी गवाहों से जांच पूरी होने तक पूछताछ करता है। इस मामले में जवान भी अनेक आधार पर अनुशासनहीनता के आरोपों का सामना कर रहा है और इसलिए ऐसे मामले में कर्मचारी को वीआरएस देने की अनुमति नहीं है।
एजेंसी