नई दिल्‍ली। पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना से मात खाने के बाद चीन की सेना पीपुल्‍स लिबरेशन आर्मी (PLA) बौखलाहट में है। दोनों देशों के बीच अगले दौर की सैन्‍य बातचीत नहीं हो सकी है क्‍योंकि चीन ने तारीख कन्‍फर्म नहीं की है। उसकी तिलमिलाहट की वजह ये है कि पिछले 20 दिन में भारतीय सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर 6 नई ऊचाइयों तक पहुंच बना ली है। चीनी सेना भारतीय सेना पर हावी होने के वास्ते इन पहाड़ियों पर कब्जा करना चाहती थी लेकिन भारतीय शूरवीरों ने चतुराई दिखाई। 29 अगस्‍त और सितंबर के दूसरे सप्ताह के बीच भारत के जवानों ने बिना नजर में आए इन 6 प्रमुख हिल फीचर्स को अपने नियंत्रण में कर लिया।

शीर्ष सरकारी सूत्रों ने ने कहा, “भारतीय सेना ने 29 अगस्‍त और सितंबर के दूसरे सप्‍ताह के बीच 6 नई ऊंचाइयों तक पहुंच बना ली है। रेचिन ला, मगर हिल, गुरुंग हिल,  रेजांग ला, मोखपरी और फिंगर 4 के पास की ऊंचाइयों पर हमारे जवान मौजूद हैं।” दरअसल, ये जगहें खाली पड़ी थीं और चीनी सैनिकों के वहां पहुंचने से पहले ही भारतीय जवानों ने रणनीतिक बढ़त हासिल कर ली। सूत्रों के मुताबिक, ऊंचाइयों पर पहुंचने में नाकाम चीनियों की हताशा के चलते ही सीमा पर लंबे अरसे बाद गोलियां चलीं। पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर हवा में फायरिंग की कम से कम तीन घटनाएं हुईं।

भारत की कार्रवाई के बाद चीन ने बढ़ाए सैनिक

सूत्रों ने यह भी साफ किया कि ब्लैक टॉप और हेलमेट टॉप पहाड़ियां एलएसी के चीनी हिस्से में हैं जबकि भारतीय पक्ष द्वारा कब्जा की गई चोटियां भारतीय क्षेत्र में एलएसी पर हैं। भारत की इस कार्रवाई के बाद चीनी सेना ने 3,000 अतिरिक्‍त सैनिकों की तैनाती रेजांग ला और रेचिन ला के पास की हैं। इसमें पीएलए की इन्‍फैंट्री और आर्मर्ड यूनिट्स के जवान शामिल हैं। चीन सेना की मोल्‍दो यूनिट को पूरी तरह ऐक्टिवेट कर दिया गया है। पिछले कुछ हफ्तों में चीनी सेना ने सैनिकों की संख्‍या खासी बढ़ाई है।

उच्चस्तर पर हो रही है मॉनिटरिंग

चीन की तरफ से बातचीत में कोई सकरात्‍मक प्रगति नहीं हुई है। चीनी सेना की ओर से बीच-बीच में अतिक्रमण की कोशिशें होती रहीं हैं। इसके बाद भारत की सेना लगातार ऑपरेशंस कर रही है जिसमें रणनीतिक रूप से महत्‍वपूर्ण ऊंचाइयों तक पहुंच बनाई जा रही है। इन ऑपरेशंस की मॉनिटरिंग राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्‍टाफ जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे कर रहे हैं।

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