नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय गृह एवं वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया मामले में विशेष अदालत से गुरुवार को राहत नहीं मिल पायी। सीबीआइ अदालत ने जमानत की अर्जी को नामंजूर करते हुए उनको पांच दिन की सीबीआइ हिरासत में भेज दिया। इन पांच दिनों के दौरान चिदंबरम के वकील और परिवार के सदस्य रोजाना उनसे 30 मिनट तक मिल सकेंगे।
इससे पहले चिदंबरम को राऊज एवेन्यू की विशेष अदालत में पेश किया गया। सीबीआई का पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चिदंबरम की पांच दिन की हिरासत मांगी। केंद्रीय जांच एजेंसी ने पूर्व गृहमंत्री को बुधवार रात को उनके जोरबाग स्थित आवास से गिरफ्तार किया था। कांग्रेस इस घटनाक्रम पर आक्रामक है। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत में चिदंबरम का पक्ष रखा।
अदालत में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने कहा कि जांच में खुलासा हुआ है कि इंद्राणी मुखर्जी द्वारा 50 लाख डॉलर का भुगतान किया गया। इंद्राणी इस मामले में एक सह-आरोपी हैं। लेकिन, चिदंबरम ने सीबीआई द्वारा यह सवाल पूछने पर इन्कार कर दिया। अभियोजन पक्ष ने यह भी तर्क दिया कि दस्तावेज दिखाए जाने पर चिदंबरम चुप रहे और टालमटोल करते रहे। इससे उन्हें आगे और दस्तावेजों का सामना कराए जाने को बल मिला।
तुषार मेहता ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश का हवाला दिया जिसने चिदंबरम को अग्रिम जमानत देने से इन्कार कर दिया और उन्हें आईएनएक्स मीडिया मामले में “सरगना” बताया। मेहता ने कोर्ट को मामले की डायरी भी दी जिससे चिदंबरम को हिरासत में लेने के लिए मजबूत मामला बने। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों का भी हवाला दिया।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता व वकील कपिल सिब्बल ने चिदंबरम की तरफ से पेश होते हुए कहा कि मौजूदा मामले में आरोपी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत हुई मिली है। उन्होंने जोर दिया कि जांच पूरी कर ली गई है क्योंकि ड्राफ्ट चार्जशीट तैयार कर ली गई है।
आईएनएक्स मीडिया से जुड़े भ्रष्टाचार और धनशोधन के मामलों में आरोपित पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को सीबीआई ने बुधवार को गिरफ्तार किया था। इससे पहले मंगलवार से लापता चिदंबरम बुधवार शाम को कांग्रेस मुख्यालय पहुंच गए जहां उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की।