अमृतसर। जम्मू-कश्मीर से धारा 370 खत्म किए जाने से बौखलाया पाकिस्तान कश्मीर घाटी में आतंकवादी हिंसा फैलाने के प्रयास करने के साथ ही खालिस्तानी आतंकी संगठनों को भी सक्रिय करने का प्रयास कर रहा है। पंजाब पुलिस की स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल ने खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेएफ) के चार आतंकियों को रविवार को गिरफ्तार किया है। ये पंजाब के ही रहने वाले हैं। इनके पास हथियार और गोला बारूद भी मिला है। इन चारों को सोमवार को यहां अदालत में पेश किया गया।

पकड़े गए आंतकियों में बलवंत सिंह उर्फ बाबा उर्फ निहंग अमृतसर के तरनतारन, अर्शदीप सिंह उर्फ आकाश रंधावा अमृतसर के गांव नागकलां, हरभजन सिंह जिला होशियारपुर के गांव मियानी और बलबीर सिंह जिला होशियारपुर के कस्बा टांडा का रहने वाला है। बाबा बलवंत सिंह उर्फ निहंग और अर्शदीप सिंह उर्फ आकाश रंधावा के खिलाफ पहले से अपराधिक मामले दर्ज हैं। इन दोनों की मुलाकात अमृतसर जेल में बंद मान सिंह से हुई थी। मान सिंह का संपर्क पाकिस्तान और जर्मन में सक्रिय आतंकी रंजीत सिंह नीटा और गुरमीत सिंह बग्गा उर्फ डॉक्टर से है। मान सिंह को 2017 में स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल ने हथियारों के साथ गिरफ्तार किया था। तब से वह जेल में बंद है और वहां से अपने आकाओं के इशारे पर काम कर रहा है।

ऐसा बताया जा रहा है कि जर्मनी से आतंकी गतिविधि चला रहे इस आतंकी गुट को पाकिस्तान से समर्थन मिल रहा है। यह गुट पंजाब और इसके पड़ोसी राज्यों में सिलसिलेवार आतंकी हमले को अंजाम देने की साजिश रच रहा था। पुलिस ने रविवार को बताया कि छापेमारी में उसे पांच एके-47 राइफल, पिस्तौल, सैटेलाइट फोन और हथगोले समेत अन्य हथियार बरामद हुए हैं।

पकड़े गए आतंकियों के अंतरराष्ट्रीय संबंध और साजिश रचने वाली शाखाएं होने के कारण मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मामले में आगे की जांच नेशनल इनवेस्टिंग एजेंसी (एनआईए) को सौंपने का फैसला लिया है ताकि पूरी साजिश को जल्द फर्दाफाश किया जा सके। शुरुआती जांच में सीमा पार से हथियारों और कम्यूनिकेशन हार्डवेयर की डिलीवरी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किए जाने का खुलासा हुआ है। मुख्यमंत्री ने पंजाब की सीमा पर दुश्मन के ड्रोन की गतिविधि पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार से भारतीय वायुसेना और सीमा सुरक्षा बल को रोकथाम के जरूरी उपाय करने का निर्देश देने का आग्रह किया है।

पुलिस महानिदेशक दिनकर गुप्ता ने संवाददाताओं को बताया कि आशंका है कि ये हथियार पाकिस्तानी एस्टैबलिस्मेंट, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाकिस्तान समर्थित जिहादी व खालिस्तान समर्थित आतंकी गुटों द्वारा लांच किए गए ड्रोन का इस्तेमाल करके भारत-पाक सीमा से हाल ही में भेजे गए हों।

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