नई दिल्‍ली। “राजनीति संभावनाओं का खेल है”। इसे यूं भी कह सकते हैं, “राजनीति में संभावनाएं कभी खत्म नहीं होती हैं।”। आम आदमी पार्टी यानी आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर चल रही रस्साकशी को देखकर यह और स्पष्ट हो जाता है। कांग्रेस ने शुक्रवार को ही कहा था कि आप की ओर से गठबंधन के लिए मना किए जाने के बाद वह अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। इसके अगले ही दिन आप ने फिर गठबंधन का पासा फेंक दिया। दिल्ली के शिक्षा मंत्री व अरविंद केजरीवाल के बाद पार्टी में सबसे ताकतवर नेता माने जाने वाले मनीष सिसोदिया ने कहा कि उनकी पार्टी भाजपा को हराने के लिए अब भी कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने को तैयार है।

नरेंद्र मोदी व अमित शाह देश के लिए खतरा

सिसोदिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को देश के लिए खतरा बताते हुए लोकसभा चुनाव के लिए दिल्ली, हरियाणा और चंडीगढ़ में कांग्रेस के साथ गठबंधन की फिर पेशकश की। उन्होंने कहा, ‘‘मोदी और शाह की जोड़ी देश के लिए खतरनाक है। इसे रोकने के लिए आप सभी भाजपा विरोधी संगठनों के साथ हाथ मिलाने को तैयार है।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस के प्रति जन्मजात विरोध के बावजूद आप ने मौजूदा हालात को देखते हुए गठबंधन की पहल की है।

उन्होंने कहा, ‘अभी भी समय है, अगर कांग्रेस चाहे तो मोदी और शाह की जोड़ी को 18 सीटों (हरियाणा, दिल्ली और चंडीगढ़) पर हराया जा सकता है.’ उल्लेखनीय है कि आप अभी तक पंजाब, हरियाणा और दिल्ली की 33 सीटों पर कांग्रेस के साथ गठबंधन की पहल कर रही थी।

गौरतलब है कि आप ने शुक्रवार को हरियाणा में जननायक जनता पार्टी (जजपा) के साथ गठबंधन की औपचारिक घोषणा की थी जबकि कांग्रेस ने सिर्फ दिल्ली में ही आप के साथ गठबंधन करने की मजबूरी को स्पष्ट कर दिया था।

कांग्रेस तय करे कि उसकी प्राथमिकता क्या है

सिसोदिया ने कहा कि यह कांग्रेस को तय करना है कि इस समय प्राथमिकता मोदी और शाह की जोड़ी को हराना है या ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने का रिकॉर्ड बनाना है। उन्होंने हालांकि गठबंधन में देरी के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार भी ठहराया और कहा कि कांग्रेस ने इस तानाशाही विरोधी आंदोलन को बहुत नुकसान पहुंचाया है। भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए गठबंधन के नाम पर एक महीने तक कांग्रेस ने वक्त बर्बाद किया।

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