मुरादाबाद। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख डा.मोहनराव भागवत ने जनसंख्या नियंत्रण कानून को देश की जरूरत बताया। साथ ही स्वयंसेवकों से कहा कि वे भारत को विश्व गुरु बनाने की दिशा में समर्पण भावना से जुट जायें। संघ प्रमुख यहां मुरादाबाद में एमआईटी मैदान पर एकत्रित करीब पांच हजार अनुशासित स्वयंसेवकों को अपने चार दिवसीय प्रवास के समापन पर आयोजित ‘मकर संक्रांति महोत्सव’ को संबोधित रहे थे।
देशवासियों के बीच आपस में समन्वय बैठाने पर बल देते हुए कहा “जो समर्थ है वह खाएगा और जिलाएगा। यही हमारा शाश्वत धर्म है। अपनी गौरवशाली संस्कृति के अनुरूप जीवन जीने वाला ही हिन्दू कहलाने का अधिकारी है और देश की 130 करोड़ जनता पर इसका प्रभाव है। ” उन्होंने समन्वय स्थापित कर व्यवहारिक रूप से एक दूसरे के सुख दुख में भागीदार बनने का आह्वान किया। उन्होंने कहा “ हम भी सही हैं और तुम भी सही हो का भाव रहे। देश में कट्टरता नहीं हो।”
श्री भागवत ने कहा “ विरासत में हमें हिंदू संस्कृति मिली।आपस मे प्रेम में रखना हमारी आदत होनी चाहिए।जो लोग भी हमारी सांस्कृति को हृदयांगमी करें वो हिंदू ही हैं चाहे उनकी पूजा करने की पद्धति अलग ही क्यों न हो या वो भाषा कोई भी क्यों न बोलता हो। हम देश के 130 करोड़ लोगों में निष्ठा का माहौल बनाना चाहते हैं। हमें भारत को विश्वगुरु बनाने के लिए प्रयास करना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि स्वयंसेवक हर व्यक्ति के मन में हिंदुत्व का भाव जगाएं। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आह्वान किया , “ संघ में रहोगे तभी संघ को समझोगे, अनुभव से सच्ची जानकारी मिलती है। संघ का काम समाज में छुआछूत ख़त्म करना है, संघ का काम अपने देश की उन्नति करना है, भारत का धर्म बड़ा विशेष है, भारत का धर्म अध्यात्म आधारित है, धर्म दिखने में अलग अलग है लेकिन सब एक, हमें एकता को अपनाना है, हम सबको अपनी संस्कृति माननी है, समस्त भारत वर्ष हिन्दू हैं।”
संघ प्रमुख ने कहा “ किसी भी व्यक्ति की पहचान उसकी जाति से नहीं बल्कि हिंदू से होनी चाहिए। इसकी शुरुआत अपने घर और कार्यक्षेत्र से करें। घर में काम करने वाली बाई हो या ड्राइवर, सफाई कर्मचारी या कपड़े धोने वाला। उसे सहजता से हिन्दुत्व की विधारधारा से जोड़ें। मलिन बस्तियों में जाकर उनका दर्द समझें और घुल-मिल जाएं। उनके साथ भोजन करें। उन्हें हिंदू होने पर गर्व करवाएं।जिससे वह गर्व से कहे कि मैं हिंदू हूँ।”
जनसंख्या नियंत्रण कानून देश की जरूरत : भागवत
इससे पहले कल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन राव भागवत ने जनसंख्या नियंत्रण कानून की वकालत करते हुये कहा था कि संघ के एजेंडे में इस विषय को शामिल किया जा चुका है हालांकि इस बारे में फैसला केन्द्र सरकार को लेना है।
श्री भागवत ने गुरूवार शाम जिज्ञासा समाधान सत्र में स्वयं सेवकों ने उनसे राम मंदिर, सीएए, जनसंख्या नियंत्रण कानून और मथुरा काशी के मुद्दे पर संघ की भूमिका पर सवाल किए जिसका उन्होने बेबाकी से जवाब दिया।
जाति के मुकाबले हिन्दुत्व को करें मजबूत
कल ही सर संघ चालक मोहन भागवत ने कहा कि भारत में जाति व्यवस्था के मुकाबले हिन्दुत्व को मजबूत करने का दायित्व निभाएं। श्री भागवत ने यहां पश्चिम क्षेत्र को प्रखर हिंदुत्व का मंत्र दिया। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवक हर जाति व्यवस्था के मुकाबले हर व्यक्ति के मन में हिंदुत्व का भाव जगाएं।
उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति की पहचान उसकी जाति से नहीं बल्कि हिंदू से होनी चाहिए। इसकी शुरुआत अपने घर और कार्यक्षेत्र से करें। घर में काम करने वाली बाई हो या ड्राइवर, सफाई कर्मचारी या कपड़े धोने वाला। उसे सहजता से हिन्दुत्व की विधारधारा से जोड़ें। उसे हिंदू होने पर गर्व करवाएं।