violenceलखनऊ। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के स्याना में गोकशी की अफवाह के बाद भड़की हिंसा की जांच रिपोर्ट इंटेलीजेंस के अपर महानिदेशक (ADG) एसबी शिरडकर ने तैयार कर ली है। इस हिंसा में कोतवाल स्याना इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की गोली लगने से मौत हो गई थी। एडीजी ने स्थानीय लोगों के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारियों के बयानों को आधार बनाकर यह रिपोर्ट तैयार की है। शुरुआती जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि आला अफसर मामले को गंभीरता से लेते तो हिंसा को टाला जा सकता था। मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के लखनऊ पहुंचने के बाद डीजीपी खुद उन्हें यह रिपोर्ट सौंपेंगे.

सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट में जिले के पुलिस प्रशासन को कठघरे में खड़ा किया है। इसमें कहा गया है कि पुलिस गोकशी रोक पाने में नाकाम रही। इसमें इंस्पेक्टर सुबोध व एक युवक सुमित की हत्या एक ही रिवाल्वर से होने की आशंका जताई गई है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है जिले में अब केवल तीन बूचड़खाने हैं। ये सभी लाइसेंसी हैं। साथ ही कहा गया है कि पुलिस गोकशी पर पूरी तरह अंकुश नहीं लगा पा रही है। इसकी एक वजह यह भी है कि ग्रामीण क्षेत्रों में गोवंश झुंड में आवारा घूमते हैं और उनके लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं है। छुट्टा घूमते इन मवेशियों की सुरक्षा पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती और सिरदर्द बन गई है। इसके लिए पशुधन विभाग को भी जिम्मेदार ठहराया गया है.

जांच रिपोर्ट में जहां एक ओर जहां पुलिस को गोकशी न रोक पाने के लिए लपेटा गया है, वहीं एक समुदाय विशेष के आयोजन के दौरान दिखाई गई तत्परता के लिए उसकी पीठ भी थपथपाई गई है। इसमें कहा गया है कि तब्लीगी इत्जमा से लौट रही भीड़ को दूसरे रास्तों पर डायवर्ट करने का फैसला सही और उचित समय पर किया गया जो सटीक प्रशासनिक कदम था। इससे बड़ी घटना होने से टाली जा सकी।

रिपोर्ट के मुताबिक, उच्च अधिकारी हिंसा के समय मौके पर पहुंचे ही नहीं। हिंसा होते ही मेरठ जोन के अधिकारियो को भी अलर्ट हो जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। घटना की पहली सूचना सुबह साढ़े नौ बजे आई थी लेकिन उच्च अधिकारियो ने खुद न जाकर उपजिलाधिकारी, पुलिस क्षेत्राधिकारी व इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को भेज दिया। इस जांच रिपोर्ट में गोवंश के अवशेषों का तत्काल निस्तारण  न करने को गंभीर चूक माना गया है। कहा गया है कि गोवंश के अवशेषों का तत्काल निस्तारण किया जाना चाहिए था। इस चूक का परिणाम यह हुआ कि चालक ट्रॉली छोड़ ट्रैक्टर ले गया। इससे भावनाएं भड़कीं और हिंसा फैल गई।

 

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