लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राज्य के आगामी विधानसभा चुनाव के शुरुआती तीन चरणों तथा पांचवे दौर के लिये कुल 210 प्रत्याशियों की सूची शुक्रवार को जारी कर दी। इनमें उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी रहे चाचा शिवपाल सिंह यादव का नाम भी शामिल है।
सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने यहां बताया कि अखिलेश की स्वीकृति से चुनाव के पहले, दूसरे तथा तीसरे चरण के लिये 191 तथा पांचवें चरण के 19 प्रत्याशियों के नाम घोषित किये गये हैं। इनमें शिवपाल सिंह यादव को इटावा की जसवन्तनगर सीट से उम्मीदवार बनाया गया है।
हालांकि सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के करीबी राज्यसभा सदस्य बेनी प्रसाद वर्मा के बेटे राकेश वर्मा का बाराबंकी की रामनगर सीट से टिकट काट दिया गया है। उनके स्थान पर अखिलेश के करीबी मंत्री अरविन्द सिंह गोप को उम्मीदवार बनाया गया है। राकेश को कैसरगंज सीट से टिकट दिया गया है।
हालांकि बेनी प्रसाद वर्मा ने कहा कि राकेश कैसरगंज सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगे, क्योंकि उन्होंने ना तो इसकी मांग की थी और ना ही यह उनका क्षेत्र है।
रामपुर की स्वार सीट से वरिष्ठ मंत्री आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम को टिकट दिया गया है।
इसके अलावा माफिया-राजनेता अतीक अहमद का कानपुर छावनी सीट से टिकट काटकर मोहम्मद हसन रूमी को प्रत्याशी बनाया गया है। पिछले साल 28 दिसंबर को सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव द्वारा जारी प्रत्याशियों के सूची में अतीक अहमद को भी शामिल किया गया था।
हालांकि अखिलेश ने गोसाईगंज सीट से माफिया सरगना की छवि वाले अभय सिंह को टिकट दिया है। साथ ही भाजपा नेता ब्रहमदत्त द्विवेदी हत्याकाण्ड मामले में आरोपी विजय सिंह को भी फर्रुखाबाद सीट से प्रत्याशी बनाया गया है।
आज घोषित प्रत्याशियों में आजम खां, शाहिद मंजूर और अरविन्द सिंह गोप, यासर शाह तथा अवधेश प्रसाद समेत 19 मंत्री शामिल हैं। घोषित प्रत्याशियों में 58 मुसलमान तथा 21 महिलाएं शामिल हैं।
सपा ने कांग्रेस को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि इस पार्टी ने चुनावी तालमेल को लेकर अब तक कोई सकारात्मक बात नहीं की है और सपा उसे कुल 403 में से अधिकतम 85 सीटें ही दे सकती है।
सपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नन्दा ने यहां संवाददाताओं से कहा कि उनकी पार्टी का मुख्य मकसद आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को हराना है। इसके लिये कांग्रेस से गठबंधन की कोशिश की गयी लेकिन उसकी तरफ से अभी तक कोई सकारात्मक जवाब नहीं आया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अगर भाजपा को परास्त होते देखना चाहती है तो उसे सपा के फार्मूले को मानना होगा। इस फार्मूले के तहत वर्ष 2012 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस जिन सीटों पर पहले या दूसरे नम्बर पर रही थी, और वे सीटें जिन पर सपा तीसरे, चौथे या पांचवें नम्बर पर रही थी, वे कांग्रेस को दे दी जाएंगी।
नन्दा ने कहा कि इस हिसाब से कांग्रेस को 54 सीटें ही मिलनी चाहिये, लेकिन अगर वह गम्भीरता से बातचीत करे तो उसे 25-30 सीटें और दी जा सकती हैं। सपा कांग्रेस को अधिकतम 85 सीटें दे सकती है। यह पूछे जाने पर कि सपा द्वारा आज घोषित 191 सीटों में कई वे सीटें हैं, जिन पर वर्ष 2012 के पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी जीते थे, उन्होंने कहा कि अगर गठबंधन होगा तो कांग्रेस जहां जीती है, वह सीट उसे दे दी जाएगी। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेठी और लखनऊ छावनी सीट सपा अपने पास ही रखेगी।
दूसरी ओर, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने सपा से गठबंधन के बारे में कहा कि अभी बात बिगड़ी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘गठबंधन पर चर्चा चल रही है, दोनों ही पार्टी के लोग बात कर रहे हैं, जल्द ही निर्णय हो जाएगा, मेरी समझ से, अभी तक कोई अवरोध तो नहीं है। चुनाव एक लक्ष्य को लेकर लड़े जाते हैं। बाकी सीटों की संख्या का मामला तो हम देख लेंगे।’
बब्बर ने कहा कि कांग्रेस और सपा एक ही सौहार्द के लोग हैं। इतना जरूर कह सकता हूं कि सभी को साथ चलना चाहिए। मालूम हो कि सपा ने आज घोषित सूची में गंगोह, शामली, स्वार, विलासपुर, हापुड़, स्याना, खुर्जा, मथुरा तथा किदवई नगर सीटों पर भी अपने प्रत्याशी उतारे हैं। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में ये सभी सीटें कांग्रेस ने जीती थीं।
नन्दा ने कहा कि पहले, दूसरे और तीसरे चरण के चुनाव में कुल 208 सीटों पर चुनाव होना है और सपा ने आज 191 सीटों पर ही अपने प्रत्याशी घोषित किये हैं। इस तरह कांग्रेस के लिये 17 सीटें छोड़ी गयी हैं।
मालूम हो कि नन्दा ने कल कहा था कि सपा करीब 300 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। ऐसे में माना जा रहा था कि वह कांग्रेस के लिये 100 या 103 सीटें छोड़ सकती है। इस गठबंधन में राष्ट्रीय लोकदल को भी शामिल करने की बात थी, मगर बाद में सपा ने यह इरादा छोड़ दिया था। इस सवाल पर कि क्या कांग्रेस के साथ सपा का गठबंधन मुश्किल हो गया है, नन्दा ने कहा कि यह कहना जल्दबाजी होगा। सपा अब भी कांग्रेस से तालमेल करना चाहती है, लेकिन अपनी शर्तो पर। चुनाव बिल्कुल नजदीक है, ऐसे में सपा और इंतजार नहीं कर सकती।
उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस के साथ गठबंधन होने पर सपा अमेठी और लखनऊ छावनी सीट अपने पास ही रखेगी। उसके एवज में वह अपनी एक-एक जीती हुई सीट दे देगी। नन्दा ने बताया कि सपा अध्यक्ष मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आगामी सोमवार को पार्टी का चुनाव घोषणापत्र जारी करेंगे और फिर बुधवार से वह अपना प्रचार शुरू करेंगे।
उन्होंने स्पष्ट किया कि आगामी विधानसभा चुनाव अखिलेश के चेहरे और नेतृत्व में लड़ा जाएगा। पार्टी ‘नेताजी का नाम और अखिलेश जी का काम’ के नारे पर चुनाव लड़ेगी।
भाषा