वॉशिंगटन। किसानों के आंदोलन को लेकर चौतरफा घिरी भारत की नरेंद्र मोदी सरकार को कृषि कानूनों पर अमेरिका का साथ मिलता नजर आ रहा है। अमेरिका ने पहली बार इस मसले पर चुप्पी तोड़ी है। जो बाइडेन प्रशासन ने भारत सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में रिफॉर्म के लिए किए जा रहे प्रयासों की तारीफ की है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने संकेत दिया है कि बाइडन प्रशासन कृषि क्षेत्र में सुधार के भारत सरकार के कदम का समर्थन करता है जिससे निजी निवेश आकर्षित होगा और किसानों की बड़े बाजारों तक पहुंच बनेगी। साथ ही किसानों और सरकार के बीच चले आ रहे गतिरोध को खत्म करने के लिए भी सुझाव देते हुए कहा है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन किसी भी सफल लोकतंत्र की पहचान है।
अमेरिका ने बुधवार को कहा कि वह उन प्रयासों का स्वागत करता है जिससे भारत के बाजारों की क्षमता में सुधार होगा और निजी क्षेत्र निवेश के लिए आकर्षित होगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “अमेरिका उन कदमों का स्वागत करता है जिससे भारत के बाजारों की क्षमता में सुधार होगा और निजी क्षेत्र की कंपनियां निवेश के लिए आकर्षित होंगी।” भारत में चल रहे किसानों के प्रदर्शन पर एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका वार्ता के जरिए दोनों पक्षों के बीच मतभेदों के समाधान को बढ़ावा देता है।
“शांतिपूर्ण प्रदर्शन किसी भी सफल लोकतंत्र की पहचान”
प्रवक्ता ने कहा, “हम मानते हैं कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन किसी भी सफल लोकतंत्र की पहचान है और भारत के सुप्रीम कोर्ट ने भी यही कहा है।”
भारत के विदेश मंत्रालय ने किसानों के प्रदर्शन पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया पर बुधवार को कड़ी आपत्ति जताई थी। भारत ने कहा था कि भारत की संसद ने एक “सुधारवादी कानून” पारित किया है जिस पर किसानों के एक बहुत ही छोटे वर्ग को कुछ आपत्तियां हैं और वार्ता पूरी होने तक कानून पर रोक भी लगाई गई है। इस बीच, कई अमेरिकी सांसदों ने भारत में किसानों का समर्थन किया है।
सांसद हेली स्टीवेंस ने कहा,“भारत में नए कृषि कानूनों के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई की खबर से चिंतित हूं।” एक बयान में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के प्रतिनिधियों को सकारात्मक बातचीत के लिए प्रोत्साहित किया। अन्य सांसद इलहान उमर ने भी प्रदर्शनकारी किसानों के प्रति एकजुटता दिखायी। किसानों के प्रदर्शन का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की भांजी मीना हैरिस ने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र अभी खतरे में है।